जल विज्ञान का मुगल कालीन साक्ष्य
लेखक: कृष्ण गोपाल 'व्यास’मूल भंडारे और चिन्ताहरण भंडारे का पानी, आपस में मिलने के बाद, खूनी भंडारे की ओर जाता है। खूनी भंडारे में जमा पानी जाली करंज में जमा होता है। जाली करंज में पहुँचने के पहले,...
View Articleमध्य प्रदेश के भूजल संसाधनों पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव और उनका समाधान
लेखक: कृष्ण गोपाल 'व्यास’मध्य प्रदेश राज्य, भारत के मध्य भाग में बसा प्राकृतिक संसाधनों की दृष्टि से समृद्ध प्रदेश है। इस प्रदेश की औसत बरसात 1160 मिलीमीटर है। उसके पूर्वी भाग में अधिक तो पश्चिमी भाग...
View Articleसमवर्ती सूची में पानीः औचित्य पर बहस
लेखक: कृष्ण गोपाल 'व्यास’ Source: योजना, जुलाई 2016 योजनाकार, सन 2016 में मराठवाड़ा, बुन्देलखण्ड जैसे इलाकों में हुई विषम परिस्थितियों की पृष्ठभूमि में उसे सम्मिलित कराने पर बल दे सकते हैं तथा उसे बहस...
View Articleभारत पाकिस्तान की साझा नदियों के पानी का उपयोग
लेखक: कृष्ण गोपाल 'व्यास’सिंधु नदी बेसिनभारत ने उसके और पाकिस्तान के बीच सिंधु नदी घाटी में प्रवाहित पानी के बँटवारे की समीक्षा का निर्णय लिया है। वैसे तो कश्मीर को हो रहे नुकसान को लेकर सालों से घाटी...
View Articleमहानदी विवाद : कुदरत की लक्ष्मण रेखा की अनदेखी करता विकास
लेखक: कृष्ण गोपाल 'व्यास’महानदीमहानदी की पहचान, मुख्य रूप से छत्तीसगढ़ और ओड़िशा राज्यों की पानी की माँग की पूर्ति के सबसे बड़े स्रोत के रूप में है। तकनीकी लोगों के अनुसार इसका लगभग 50.0 घन किलोमीटर...
View Articleनदी प्रदूषण की रोकथाम के लिये नदियों को आत्मनिर्भर बनाना होगा
लेखक: कृष्ण गोपाल 'व्यास’नर्मदा नदीमध्य प्रदेश सरकार नर्मदा, बेतवा, शिवना, पार्वती, माचना, मंदाकिनी और कुलबेहरा इत्यादि नदियों में बढ़ते प्रदूषण को समाप्त करने के लिये 24 प्रवाह उपचार संयंत्र (एसटीपी)...
View Articleरेत का अवैध और अविवेकी खनन: कुछ सुझाव
लेखक: कृष्ण गोपाल 'व्यास’नर्मदा नदी में रेत खनननर्मदा सेवा यात्रा के समापन के अवसर पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने भारत के प्रधानमंत्री की मौजूदगी में कहा है कि रेत की आवश्यकता के बावजूद नर्मदा को...
View Articleपानी समस्या - हमारे प्रेरक
लेखक: कृष्ण गोपाल 'व्यास’आज बहुत ही अच्छा दिन है क्योंकि आज इतने सारे लोग पानी और वनों पर चर्चा करने के लिये इकट्ठे हुए हैं। सभी का मानना है कि यह चर्चा समय काटने के लिये नहीं है। यह चर्चा अच्छे लोगों...
View Articleसमाज का प्रकृति एजेंडा - वन
लेखक: कृष्ण गोपाल 'व्यास’मौजूदा कायदे-कानूनों के बन्धनों के कारण आम आदमी जंगल में जाकर वृक्षारोपण नहीं कर सकता पर अपने घर के आस-पास तो वृक्ष लगाने का काम कर सकता है। उनकी रक्षा कर सकता है। अपने...
View Articleमध्य प्रदेश में रेत खनन पर अभूतपूर्व फैसला
लेखक: कृष्ण गोपाल 'व्यास’मध्य प्रदेश सरकार ने 22 मई 2017 को अभूतपूर्व फैसला लेते हुए नर्मदा नदी से रेत खनन पर पूरी तरह रोक लगा दी है। इस तरह का कठिन किन्तु नदी हित में सही फैसला लेने वाली यह संभवतः देश...
View Articleप्राकृतिक संसाधनों की बदहाली से विचलित सोनांचल विकास मंच
लेखक: कृष्ण गोपाल 'व्यास’मध्य प्रदेश राज्य के पूर्व में छत्तीसगढ़ राज्य की सीमा से सटे अनूपपुर, उमरिया और शहडोल जिलों को मिलाकर शहडोल संभाग बना है। इस संभाग की कुल आबादी लगभग 24.60 लाख है। संभाग...
View Article2 जुलाई - मध्य प्रदेश में वृक्षारोपण और पर्यावरण के महापर्व को कारगर बनाने का...
लेखक: कृष्ण गोपाल 'व्यास’2 जुलाई को नर्मदा के किनारे वृक्षारोपण करते म.प्र. के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहाननर्मदा सेवा यात्रा के बाद 2 जुलाई 2017 को मध्य प्रदेश में एक बार फिर इतिहास रचा गया है। इस...
View Articleजल विज्ञान का गोंड कालीन साक्ष्य
लेखक: कृष्ण गोपाल 'व्यास’1.0. पृष्ठभूमिइस अध्याय में गोंड कालीन तालाबों के स्थल चयन में भारतीय जल विज्ञान की भूमिका और उनके योगदान का संक्षिप्त विवरण दिया गया है। इस विवरण में क्षेत्र परिचय, तालाब...
View Articleनलकूप खुदाई - बच्चों को एक्सीडेंट से बचाने के प्रयास
लेखक: कृष्ण गोपाल 'व्यास’सकारात्मक प्रयासों के बावजूद यदा-कदा बच्चों के कुओं में गिरने तथा दुर्घटनाग्रस्त होने की घटनाएँ हो रही हैं। इन घटनाओं का सीधा संकेत है, हर स्तर पर जागरुकता। सन्देश को देश के...
View Articleमध्य प्रदेश का सांस्कृतिक परिचय
लेखक: कृष्ण गोपाल 'व्यास’ Source: जल चौपाल, सप्रे संग्रहालय, संस्करण 2013 1. लोक संस्कृतिभाषायी और सांस्कृतिक दृष्टि से मालवा में मध्य प्रदेश के इंदौर, उज्जैन, देवास, रतलाम, मंदसौर, नीमच, धार का पूर्वी...
View Articleजल चौपालों के संकेत
लेखक: कृष्ण गोपाल 'व्यास’ Source: जल चौपाल, सप्रे संग्रहालय, संस्करण 2013 चौपालों का संदेश है कि बरसात की भविष्यवाणियों के अनुमानों को खेती, पेयजल, जलाशयों और नदियों की आवश्यकताओं के अनुसार होना चाहिए...
View Articleनर्मदा कछार के बाँध - बढ़ता जल संकट
लेखक: कृष्ण गोपाल 'व्यास’नर्मदा नदीनर्मदा के जल के अति-दोहन और उसके कछार प्रदेश में अबाध रूप से जारी खनन ने पूरे इलाके के बाँधों में जल भण्डारण व जल-चक्र पर नकारात्मक प्रभाव डाला है। इसकी झलक आपको मध्य...
View Articleसमझें नदियों की भाषा
लेखक: कृष्ण गोपाल 'व्यास’जंगल ही वास्तव में नदियों को बचाने के यंत्र हैं। वृक्षारोपण करते समय बहुत सावधानी से प्रजातियों का चयन किया जाना चाहिए ताकि नदियों को संरक्षित करने में हमें सहायता मिल सके।...
View Articleरूठे को मनाना होगा
लेखक: कृष्ण गोपाल 'व्यास’बिना जल के हम जीवन की कल्पना नहीं कर सकते। अतीत में कई बार प्राकृतिक कारणों से विषम परिस्थितियाँ आईं, लेकिन पानी ने धरती से कभी जीवन को नष्ट नहीं होने दिया। अब जब हम खुद पानी...
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